शिवपुरी। ई-पास मामले में प्रथम दृष्टया पूर्ण रूपेण जिम्मेदार अधिकारी को दण्डित निलंबित करने के बजाय करेरा अनुविभाग का एसडीएम बनाया जाना बेहद आपत्तिजनक कदम था। वह भी तब जब करेरा और पोहरी में चुनाव सिर पर हो। देर सबेर जिले की दो सीटों पर विधानसभा चुनाव होने ही हैं।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धैर्यवर्धन ने कहा कि निर्वाचन संबंधी तैयारियां से संबंधित कार्य , वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में अक्षरशः पालन बेहद सतर्कता और जिम्मेदारी का काम होता है। निर्वाचन कार्य के लिए अनुभवी अधिकारी की आवश्यकता होती है प्रशिक्षुओं की नहीं ।
24 घंटे के अंदर श्री अंकुर गुप्ता का आदेश बदलकर सिद्ध किया कि जनभावना से कितना सरोकार है शिवराज सरकार को।
धैर्य वर्धन ने कहा कि यूपी के देवबंद के जमाती को शिवपुरी में ई पास जारी करने के मामले में डेप्युटी कलेक्टर अंकुर गुप्ता से भी पूछताछ होनी चाहिए।यदि कलेक्टर ने बचाने की कोशिश की तो वे राज्य स्तर से पुनः जांच के आदेश कराएंगे ताकि छोटे कर्मचारियों पर गाज गिरकर बड़े को साफ बचा लेने की प्रवृत्ति पर विराम लग सके।