ग्वालियर। देशभर में कोरोना के बिगड़ते हालातों को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार की ओर से तीन मई तक लॉकडाउन किया गया है। वहीं,लॉकडाउन को मुस्तैदी से अमल में लाने के लिए प्रदेश समेत देशभर के पुलिस जवान इस वैश्विक महामारी से लोगों को बचाने के लिए खुद की जान की परवाह किये बिना लोगों पर नियंत्रण और हालात को व्यवस्थित करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं। जिले में पदस्थ कुछ ऐसे ही कर्मचारी,अधिकारियों को करीब से जाकर देखा जो कोविड-19 के योद्धा के रूप में उभर कर सामने आए हैं। पेश है उनके संघर्ष की प्रेरणादायी कहानी।
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खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने पत्नी और बच्चों से बनाई दूरी:-
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अवनीश गुप्ता को लॉकडाउन से प्रभावित लोगों का भरण-पोषण करने एवं उन्हें राशन पहुंचाने के लिए प्रशासन ने उन्हें सहायक नोडल अधिकारी बनाया है। वह सुबह 5 बजे से न केवल बाजार चेक करने जाते हैं,बल्कि भ्रमण के दौरान वे अब तक 40 दुकानदारों के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन करने की एफआईआर भी दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने स्वयं को होमआइसोलेट कर रखा है तथा घर के एक कमरे में रहकर पत्नी व बच्चों से दूरी बनाए हुए हैं।
डेढ़ माह से पत्नी, बेटी व वृद्ध माता-पिता से नहीं मिले ड्रग इंस्पेक्टर:-
ड्रग इंस्पेक्टर देशराज सिंह ग्वालियर के रहने वाले हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते डेढ़ महीने वे अपने घर नहीं गए तथा पत्नी, दो बेटियों सहित वृद्ध माता-पिता से नहीं मिल सके हैं। उनकी परिजन से उनकी सिर्फ फोन पर ही चर्चा होती है। ड्रग इंस्पेक्टर की विशेष ड्यूटी यह है कि जिले में कहीं भी दवा की कमी न हो तथा मरीजों को आवश्यक दवाएं समय पर मिल सके। इसके लिए वे निरंतर 24 घंटे सेवाएं देकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर वर्तमान में किराए के मकान रहकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।
2.5 लाख रुपए का राशन बांटा:-
टीम नेकी की दीवार का नेतृत्व कर रहे व्यवसाई मनोज जैन 5 वाहनों से जरूरतमंदों को न केवल राशन पहुंचा रहे हैं, बल्कि उनकी टीम अब तक 2.5 लाख रुपए की नि:शुल्क खाद्य सामग्री ऐसे परिवारों को बांट चुके हैं, जिनके घरों में लॉकडाउन के चलते राशन खत्म हो गया। जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए जैन के साथ 50 लोगों की टीम लगी हुई है। जिनमें 15 लोग राशन पैक करने का काम कर रहे हैं तथा 20 से 25 लोग आमजन को थोक रेट में राशन उपलब्ध में जुटे हैं।